अश्विनी मुद्रा योग में एक महत्वपूर्ण मुद्रा है, जिसका नाम घोड़े के नाम पर रखा गया है। घोड़ा अपनी शक्ति, गति और सहनशक्ति के लिए जाना जाता है, और इसी तरह, यह मुद्रा भी शरीर में इन गुणों को बढ़ाने में मदद करती है। अश्विनी मुद्रा को Horse Gesture या Horse Motion नाम से भी जाना जाता हैं। यह एक anti gravity अभ्यास है जिससे ऊर्जा बढ़ती है और यौन रोग में लाभ होता हैं।
अश्विनी मुद्रा कैसे करे? (How to do Ashwini Mudra)
अश्विनी मुद्रा को दो प्रकार से करते हैं।
अश्विनी मुद्रा – पहला प्रकार
- सबसे पहले एक स्वच्छ और समतल जगह देखकर Yoga Mat बिछा दे।
- अब सुखासन या पद्मासन में आँख बंद कर बैठें।
- रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और कंधों को आराम दें। शरीर को शिथिल रखे।
- अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और धीरे-धीरे सांस लें।
- अब, अपने गुदा की मांसपेशियों (Anal Muscles) को बार-बार संकुचित (Constrict) और ढीला (relax) करें।
- संकुचित और प्रसारित या ढीला करने की विधि मिलकर एक आवृत्ति (cycle) होती है। इस प्रकार गिनकर 30 बार करे।
- यह क्रिया अश्विनी मुद्रा है।
- आप इसे यथाशक्ति 5-10 मिनट तक कर सकते हैं।
अश्विनी मुद्रा – दूसरा प्रकार
- सबसे पहले एक स्वच्छ और समतल जगह देखकर Yoga Mat बिछा दे।
- अब सुखासन या पद्मासन में आँख बंद कर बैठें।
- रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और कंधों को आराम दें। शरीर को शिथिल रखे।
- अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और धीरे-धीरे सांस लें।
- गुदाद्वार को धीरे-धीरे संकुचित करते हुए नियंत्रित गति से श्वास अंदर ले। अब स्नायु को संकुचित बनाए रखते हुए सांस रोककर रेक या कुंभक लगाए।
- अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए गुदद्वार के संकुचित स्नायु को शिथिल करे।
- संकुचित और प्रसारित या ढीला करने की विधि मिलकर एक आवृत्ति (cycle) होती है। इस प्रकार गिनकर 30 बार करे।
- यह क्रिया अश्विनी मुद्रा है।
- आप इसे यथाशक्ति 5-10 मिनट तक कर सकते हैं।
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अश्विनी मुद्रा के फायदे क्या है? (Health benefits of Ashwini Mudra in Hindi)
अश्विनी मुद्रा योग में एक महत्वपूर्ण मुद्रा है, जिसके अनेक स्वास्थ्य लाभ हैं। यह मुद्रा गुदा मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाती है। इसके अलावा, यह मुद्रा यौन स्वास्थ्य, ऊर्जा स्तर और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में मदद करती है।
- पाचन (Digestion): अश्विनी मुद्रा से पाचन में सुधार होता हैं। कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
- यौन स्वास्थ्य (Sexual Health): अश्विनी मुद्रा से यौन शक्ति बढ़ती हैं। शीघ्रपतन और स्तंभन दोष जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
- ऊर्जा स्तर (Energy level): अश्विनी मुद्रा से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है। थकान और कमजोरी को दूर होती हैं।
- आत्मविश्वास (Confidence): अश्विनी मुद्रा के अभ्यास से आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ता है। तनाव और चिंता को कम होती है।
- यूरिन समस्या (Urine): मूत्र त्याग को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- मोटापा (Obesity): पेट की चर्बी कम करने में मदद करता है।
- सौंदर्य (Beauty): चेहरे पर चमक लाता है।
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अश्विनी मुद्रा करते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
- डॉक्टर: यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो इस मुद्रा को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं को यह मुद्रा नहीं करनी चाहिए।
- ब्लड प्रेशर: हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को यह मुद्रा नहीं करनी चाहिए।
- यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस: यदि आपको मूत्र incontinence (पेशाब रोकने में असमर्थ) की समस्या है, तो यह मुद्रा नहीं करनी चाहिए।
- बवासीर (Piles): अगर आपको बवासीर या फिशर की समस्या है तो अश्विनी मुद्रा नहीं करना चाहिए।
- मासिक चक्र (Menstrual Periods): महिलाए मासिक धर्म के समय यह मुद्रा न करे।
- सर्जरी (Surgery): अगर आपकी कोई सर्जरी हुई है या पेट में दर्द है तो अश्विनी मुद्रा नहीं करना चाहिए।
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अश्विनी मुद्रा से जुड़े सवालों के जवाब
अश्विनी मुद्रा कब कर सकते हैं?
अश्विनी मुद्रा को आप सुबह खाली पेट या भोजन करने के 4-5 घंटे बाद कर सकते हैं। यह मुद्रा सुबह करने से ऊर्जा स्तर बढ़ता है और पाचन क्रिया बेहतर होती है। शाम को करने से तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है।
अश्विनी मुद्रा कितने समय तक करना चाहिए?
अश्विनी मुद्रा को शुरुआत में 5-10 मिनट तक करना चाहिए। जैसे-जैसे आप अभ्यास करते हैं, आप धीरे-धीरे समय बढ़ा सकते हैं। अधिकतम 30 मिनट तक अश्विनी मुद्रा की जा सकती है। अश्विनी मुद्रा को कई बार दोहराया जा सकता है। एक दिन में 3-4 बार अश्विनी मुद्रा करना फायदेमंद होता है।
क्या अश्विनी मुद्रा से शीघ्रपतन में लाभ होता हैं?
हाँ, अश्विनी मुद्रा शीघ्रपतन में लाभकारी हो सकती है। यह गुदा मांसपेशियों को मजबूत बनाती है, जो वीर्य स्खलन को नियंत्रितकरने में मदद करती है।अश्विनी मुद्रा तनाव को भी कम करती है, जो शीघ्रपतन का एक मुख्य कारण हो सकता है।
क्या अश्विनी मुद्रा से शुक्राणु की संख्या (Sperm count) बढ़ सकती हैं?
हाँ, अश्विनी मुद्रा शुक्राणु की संख्या (Sperm count) बढ़ाने में मदद कर सकती है। यह गुदा मांसपेशियों को मजबूत बनाती है, जो वीर्य उत्पादन और गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करती है। अश्विनी मुद्रा तनाव को भी कम करती है, जो शुक्राणु की संख्या को कम कर सकता है।
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